आसमान तक उड़ेगा ये IPO? Aequs IPO 2025 – एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में ₹900+ करोड़ का बड़ा दांव, GMP, डेट्स, फाइनेंशियल्स और रिस्क की पूरी स्कैन रिपोर्ट

Aequs IPO 2025 भारत के एयरोस्पेस और हाई‑प्रिसीजन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ा एक मेनबोर्ड इश्यू है, जो लगभग ₹900–₹1,000 करोड़ के आसपास फंड जुटाने की तैयारी में है। यह इश्यू कंपनी के डेट को हल्का करने, मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने और सब्सिडियरीज़ में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट के लिए लाया जा रहा है, जिससे Aequs की लॉन्ग‑टर्म ग्रोथ स्टोरी और मजबूत हो सकती है।

Aequs IPO 2025


Aequs क्या करती है? कंपनी का बिज़नेस मॉडल

Aequs Limited एक इंटीग्रेटेड प्रिसीजन इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो ग्लोबल OEMs के लिए एयरोस्ट्रक्चर्स, मशीनड पार्ट्स और स्पेशल कंपोनेंट बनाती है। कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स बेलगावी (कर्नाटक) के एयरोस्पेस पार्क में स्थित हैं, जहां से यह डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों मार्केट्स को सप्लाई करती है, और इसकी सब्सिडियरीज़ भी एयरोस्पेस‑फोकस्ड मैन्युफैक्चरिंग में एक्टिव हैं।​

एयरोस्पेस व डिफेंस से जुड़े ऑर्डर आम तौर पर लॉन्ग‑साइकल और हाई‑सर्टिफिकेशन वाले होते हैं, इसलिए एक बार क्लाइंट रिलेशन बन जाने के बाद सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट कई सालों तक चल सकते हैं और कंपनी को रेवेन्यू विज़िबिलिटी मिलती है।​


Aequs IPO की प्रमुख डिटेल और टाइमलाइन

नीचे की टेबल में Aequs IPO से जुड़ी बेसिक डेट्स और प्रोसेस की जानकारी दी जा सकती है (नंबर आप लाइव अपडेट के हिसाब से बदल सकेंगे):

पैरामीटर

डिटेल

IPO ओपन डेट

3 दिसंबर 2025

IPO क्लोज़ डेट

5 दिसंबर 2025

बेसिस ऑफ अलॉटमेंट

8 दिसंबर 2025

रिफंड / UPI अनब्लॉक

9 दिसंबर 2025

डिमैट में क्रेडिट

9 दिसंबर 2025

लिस्टिंग डेट

10 दिसंबर 2025

एक्सचेंज

BSE और NSE

इश्यू स्ट्रक्चर में फ्रेश इश्यू और संभव OFS दोनों शामिल हैं, जिनका फाइनल ब्रेक‑अप RHP / बुक‑रनिंग लीड मैनेजर्स के अपडेट के साथ कन्फर्म होगा, लेकिन उद्देश्य साफ है – डेट कम करना, कैपेसिटी बढ़ाना और ग्रोथ पर कैपिटल लगाना।​


मार्केट लॉट, इन्वेस्टर कैटेगरी और रिज़र्वेशन

Aequs IPO में रिटेल, NII और QIB कैटेगरी के लिए स्टैंडर्ड रिज़र्वेशन स्ट्रक्चर फॉलो किया जा रहा है, जिसमें कुल इश्यू साइज का लगभग 75% QIB, 15% NII और 10% रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिज़र्व होता है। मार्केट लॉट, मिनिमम इन्वेस्टमेंट और रिटेल द्वारा मैक्सिमम लॉट्स की डिटेल्स प्राइस बैंड फाइनल होने के बाद अपडेट होंगी, लेकिन SEBI नॉर्म्स के हिसाब से यह अमाउंट आम तौर पर ₹12,000–₹20,000 ब्रैकेट में रहता है।​

आप अपने ब्लॉग में एक छोटी टेबल रख सकते हैं, जिसे बाद में लाइव डेटा से अपडेट किया जा सके:

इन्वेस्टर टाइप

मिनिमम लॉट

शेयर्स

लगभग अमाउंट

रिटेल

TBA

TBA

TBA

S‑HNI

TBA

TBA

TBA

B‑HNI

TBA

TBA

TBA


इश्यू से जुटाए गए फंड का उपयोग कहाँ होगा?

Aequs ने DRHP में IPO से जुटाई जाने वाली राशि के उपयोग को डिटेल में ब्रेक‑अप के साथ बताया है, जिसका सार आप यूनीक तरीके से ऐसे रख सकते हैं:​

  1. डेट रिपेमेंट (स्टैंडअलोन लेवल):
    कंपनी कुछ हाई‑कॉस्ट लोन्स को आंशिक या पूर्ण रूप से प्री‑पे / रीपे करेगी, जिसमें संबंधित प्री‑पेमेंट पेनल्टी भी शामिल है। इससे इंटरेस्ट कॉस्ट कम होगी और बैलेंस शीट हल्की हो सकती है।​
  2. सब्सिडियरीज़ के लोन रिडक्शन:
    दो होल‑ओन्ड सब्सिडियरीज़ के चुनिंदा बोर्रोविंग्स को चुकाने के लिए Aequs इन कंपनियों में कैपिटल इनफ्यूज़ करेगी, ताकि कंसॉलिडेटेड लेवल पर लीवरेज प्रेशर घट सके।​
  3. कैपेक्स – मशीनरी और इक्विपमेंट:
    • स्टैंडअलोन Aequs के लिए नई मशीनरी और प्रोडक्शन इक्विपमेंट की खरीद।
    • AeroStructures Manufacturing India Pvt. Ltd. के लिए भी हाई‑प्रिसीजन इक्विपमेंट पर कैपेक्स।​
  4. इनऑर्गेनिक ग्रोथ और स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स:
    कंपनी ने कुछ हिस्सा फ्यूचर एक्विज़िशन और स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट्स के लिए भी रिज़र्व रखा है, जिससे टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट पोर्टफोलियो या जियोग्राफिकल रीच को तेजी से बढ़ाया जा सके।​
  5. जनरल कॉरपोरेट पर्पज़:
    वर्किंग कैपिटल, ब्रांडिंग, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और ऑपरेशनल जरूरतों के लिए एक फ्लेक्सिबल कॉरपस भी रखा गया है, जैसा कि आमतौर पर मेनबोर्ड IPOs में होता है।​

फाइनेंशियल्स की हेल्थ: रेवेन्यू, प्रॉफिट और बैलेंस शीट

Aequs के पब्लिक फाइनेंशियल्स से पिछले तीन साल का स्नैपशॉट इस तरह से प्रेज़ेंट किया जा सकता है:​

सालाना फाइनेंशियल सारांश (₹ करोड़ में)

पीरियड एंड

रेवेन्यू

एक्सपेंस

PAT

टोटल एसेट्स

FY 2023

840.54

777.48

109.50

1,321.69

FY 2024

988.30

842.79

14.24

1,822.98

FY 2025

959.21

851.24

102.35

1,859.84

इन नंबर्स से तीन खास पॉइंट निकलते हैं:

  • रेवेन्यू FY2023 से FY2024 तक अच्छा बढ़ा, लेकिन FY2025 में हल्का फ्लैट/डीग्रोग्थ दिखता है, जो इंडस्ट्री या ऑर्डर मिक्स में चेंज के कारण हो सकता है।​
  • FY2024 में PAT काफी नीचे आ गया, लेकिन FY2025 में फिर से ₹100+ करोड़ के आसपास रिकवरी दिखती है, यानी कंपनी मार्जिन नॉर्मलाइज़ेशन के फेज़ में लगती है।​
  • एसेट्स तेज़ी से बढ़े हैं, जो कैपेक्स हेवी बिज़नेस मॉडल और लीवरेज को दिखाते हैं; इसलिए रिटर्न मैट्रिक्स पर खास नज़र जरूरी है।​

वैल्यूएशन मैट्रिक्स और रिटर्न रेश्यो

FY2025 के आधार पर Aequs के कुछ की‑पर्फॉर्मेंस इंडिकेटर्स (KPI) इस प्रकार रिपोर्ट किए गए हैं:​

KPI

वैल्यू

ROE / RoNW

लगभग (14.30%) / (14.47%) नेगेटिव

ROCE

0.87%

EBITDA मार्जिन

11.68%

PAT मार्जिन

(11.07%)

Debt‑to‑Equity

0.99

EPS (बेसिक)

लगभग ₹(1.80)

ये रेश्यो बताते हैं कि:

  • अभी तक कंपनी का रिटर्न प्रोफाइल कमजोर और नेगेटिव है, यानी बिज़नेस भारी कैपेक्स, लीवरेज और मार्जिन प्रेशर से गुजर चुका है।​
  • Debt‑to‑Equity लगभग 1x के आसपास है, जो मॉडरेट से हाई लीवरेज लेवल को दिखाता है; IPO के बाद डेट रिडक्शन से यह रेश्यो बेहतर हो सकता है।​

इन्हें ब्लॉगर‑फ्रेंडली लैंग्वेज में ऐसे समझा सकते हैं – “Aequs फिलहाल वैल्यूएशन के हिसाब से क्लासिकल हाई‑ROE क्वालिटी प्ले नहीं, बल्कि एक टर्नअराउंड/ग्रोथ‑स्टेज मैन्युफैक्चरर दिखती है, जहां फोकस आने वाले सालों में रिटर्न मेट्रिक्स सुधार पर रहेगा।”​


Peer Comparison: Aequs बनाम दूसरे एयरोस्पेस / EMS प्लेयर्स

DRHP में दी गई पीयर टेबल के आधार पर आप नीचे जैसा यूनीक कंपैरिजन टेबल बना सकते हैं:​

कंपनी

EPS (₹)

PE (लगभग)

RoNW %

NAV (₹)

आय (₹ करोड़)

Azad Engineering

14.66

106.19

6.21

234.06

457.35

Unimech Aerospace

17.59

59.30

12.48

141.01

242.93

Amber Enterprises

72.01

113.89

10.99

672.61

9,973.02

Kaynes Technology

45.82

161.70

10.33

439.85

2,721.25

Dixon Technologies

205.70

86.44

47.50

494.74

38,860.10

PTC Industries

41.37

368.96

4.40

940.03

308.07

Aequs Ltd

(1.80)

N/A (नेगेटिव EPS)

(14.47)

12.47

959.21

इस टेबल से दो बातें साफ दिखती हैं:

  • बाकी पीयर्स पॉज़िटिव EPS और डबल‑डिजिट RoNW के साथ हाई PE मल्टीपल पर ट्रेड कर रहे हैं, यानी मार्केट इस थीम को प्रीमियम देता है।​
  • Aequs अभी नेगेटिव RoNW और EPS के कारण ट्रेडिशनल P/E बेस्ड वैल्यूएशन में फिट नहीं बैठती, इसलिए इसे “ग्रोथ टर्नअराउंड” एंगल से देखना होगा, न कि “रेडी‑मेड हाई‑क्वालिटी” के रूप में।​

Promoters, Shareholding और Governance

Aequs Ltd के प्रमोटर्स में Aravind Shivaputrappa Melligeri, Aequs Manufacturing Investments Pvt. Ltd., Melligeri Private Family Foundation और The Melligeri Foundation शामिल हैं।​

  • प्री‑इश्यू प्रमोटर शेयरहोल्डिंग 60.50 करोड़ से अधिक शेयर्स के रूप में दी गई है, जो ग्रुप कंट्रोल और लॉन्ग‑टर्म एंगेजमेंट दिखाती है।​
  • पोस्ट‑इश्यू होल्डिंग OFS और फ्रेश इश्यू की फाइनल स्ट्रक्चर पर डिपेंड करेगी; रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए यह देखना जरूरी होगा कि प्रमोटर स्टेक कितने स्तर तक डाइल्यूट होता है।​

Aequs IPO में निवेश के पॉज़िटिव ट्रिगर्स

आप अपने ब्लॉग में पॉज़िटिव्स को बुलेट फॉर्म में यूनीक स्टाइल से रख सकते हैं:

  • भारत के उभरते एयरोस्पेस, डिफेंस और प्रिसीजन मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम पर डायरेक्ट प्ले, जो “मेक इन इंडिया” और एक्सपोर्ट फोकस से सपोर्टेड है।​
  • बेलगावी एयरोस्पेस पार्क में लोकेटेड इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, जिससे सप्लाई‑चेन, इन्फ्रा और टैलेंट का फायदा मिलता है और एंट्री बैरियर क्रिएट होता है।​
  • IPO के जरिए डेट रिडक्शन + कैपेक्स दोनों, जिससे मीडियम‑टर्म में मार्जिन, कैश फ्लो और RoCE के बेहतर होने की गुंजाइश बनती है।​

Key Risks और कौन‑कौन सावधानी ज़रूरी?

संतुलित एनालिसिस के लिए आप रिस्क्स को भी साफ लिख सकते हैं:

  • अभी तक का लो / नेगेटिव RoE और RoNW, जो बताता है कि कंपनी ने कैपिटल से मजबूत रिटर्न नहीं निकाला; इन्वेस्टर्स को यह समझकर ही एंट्री लेनी चाहिए।​
  • हाई‑कैपेक्स और लीवरेज‑हेवी बिज़नेस मॉडल, जहां ऑर्डर फ्लो स्लो होने या क्लाइंट लॉस होने पर फाइनेंशियल पर तेज़ असर आ सकता है।​
  • एयरोस्पेस / डिफेंस सेक्टर की रेगुलेटरी और सर्टिफिकेशन डिपेंडेंसी, जिससे प्रोजेक्ट टाइमलाइन लंबे और कभी‑कभी अनसर्टेन हो सकते हैं।​

Aequs IPO में कैसे अप्लाई करें? (कीवर्ड‑रिच गाइड)

आप “Aequs IPO apply kaise kare” जैसे सर्च क्वेरीज़ को टारगेट करने के लिए छोटा स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड डाल सकते हैं:

  • किसी भी SEBI‑रजिस्टर्ड ब्रोकर या ऐप (Zerodha, Groww, Upstox, Angel One आदि) में लॉग‑इन करें और IPO सेक्शन में “Aequs Ltd” सर्च करें।​
  • रिटेल इन्वेस्टर के रूप में लॉट साइज़, कट‑ऑफ प्राइस और UPI ID सेलेक्ट करें, एप्लिकेशन कन्फर्म कर के UPI ऐप में मैनडेट अप्रूव करें।​
  • अलॉटमेंट डेट (8 दिसंबर) के बाद Kfin Technologies की वेबसाइट या अपने ब्रोकर ऐप पर Aequs IPO allotment status चेक कर सकते हैं।​

क्या Aequs IPO आपके पोर्टफोलियो के लिए सही है?

किसके लिए रिलेटिवली सूटेबल:

  • वो इन्वेस्टर्स जो एयरोस्पेस / डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग की लॉन्ग‑टर्म ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा रखते हैं और टर्नअराउंड‑स्टाइल बिज़नेस में हाई वोलैटिलिटी के साथ कंफर्टेबल हैं।​

किसे सावधान रहना चाहिए:

  • बहुत कंज़रवेटिव रिटेल इन्वेस्टर्स जिन्हें केवल हाई‑ROE, कम डेट और स्टेबल कैश‑फ्लो वाली कंपनियाँ ही सूट करती हैं, उनके लिए Aequs का प्रोफाइल फिलहाल थोड़ा एग्रेसिव लग सकता है।​

IPOGyan.in पर इस तरह का डीप‑डाइव, टेबल्स, वैल्यूएशन पॉइंट्स, “कैसे अप्लाई करें” और बैलेंस्ड व्यू वाला ब्लॉग आपको Google पर “Aequs IPO review”, “Aequs IPO GMP”, “Aequs IPO details in Hindi” जैसे कीवर्ड्स के लिए ज्यादा डिस्कवेरेबल बना सकता है, साथ ही कॉपीराइट के नजरिए से कंटेंट यूनिक और ओरिजिनल भी रहेगा।

Post a Comment

0 Comments